चेहरों के अन्दर हैं चेहरे
चेहरों के बाहर भी चेहरे
आते चेहरे जाते चेहरे
कैसे रंग दिखाते चेहरे ?
अपना रंग छुपाते चेहरे
झूठा रंग दिखाते चेहरे
जब-तब जंग कराते चेहरे
कितना संग निभाते चेहरे
फूलों से भी सुन्दर चेहरे
असली से भी बढकर चेहरे
फेसबुक की आभा चेहरे
प्रोफाइल की शोभा चेहरे
राजा की रंगत के चेहरे
रंकों की रंगत के चेहरे
तेजी चेहरे, मन्दी चेहरे
कारागृह में बन्दी चेहरे
कहीं पे पर्दे डाले चेहरे,
कहीं पे चमकें सच्चे चेहरे
भूखे चेहरे व्याकुल चेहरे
सच की खोज में आकुल चेहरे
चेहरों को पहचाने कौन ?
जो पहचाने वो है मौन !
जो बोले सो हो बेहाल !
नेकी कर, दरिया में डाल !
( - आर डी सक्सेना, भोपाल 10.11.2011 )