10.11.08

गंगा अब राष्ट्रीय नदी

गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित कर देने से कितना सुधार हों जाने वाला है ? धूर्त हिंदू कर्मकाण्डी पंडे और अंधश्रद्धां से ओत प्रोत उनके यजमान अपनी गंदगी का घाटों पर जिस अधिकार पूर्वक विसर्जन करते हैं , करते रहेंगे उद्योग समूह, रिश्वतखोर अधिकारियों की मिथ्यानिद्रा के चलते जो रासायनिक मल गंगा में बहा रहे हैं , बहाते रहेंगे हम किस प्रकार के सुधार की अपेक्षा रखें जब सरकार हों गूंगी बहरी और अंधी और नागरिक हों बे-परवाह !!

हालांकि कुछ उम्मीद तो जगी है लोग जागें तो भला हों

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